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Bikaner : कल सड़क पर आएंगे शिक्षक, बीकानेर में कलेक्टर को ज्ञापन देंगे

  • स्थानांतरण में उपेक्षा ओर भेदभाव आरोप, शिक्षकों में आक्रोश
  • राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय जिला कलक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन देगा

RNE Bikaner.

राज्य सरकार ने प्रदेश में लंबे समय से स्थानांतरण की मांग को देखते हुए 01 जनवरी से 10 जनवरी के बीच स्थानांतरण पर लगी रोक हटाते हुए शिक्षा विभाग को छोड़कर अन्य सभी विभागों के कार्मिकों के स्थानांतरण करने का निर्णय लिया है। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश महामंत्री महेन्द्र लखारा ने पत्र लिखकर सरकार की इस भेदभाव पूर्ण नीति को शिक्षकों के प्रति उपेक्षापूर्ण बताया है।

संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश बिश्नोई एवं प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य ने कहा कि सरकार ने वर्तमान में शिक्षा विभाग को छोड़कर स्थानांतरण करने का निर्णय लिया है जो प्रदेश के लाखों शिक्षकों के प्रति भेदभाव पूर्ण और सरकार का शिक्षा को लेकर उपेक्षित भाव प्रकट होता है। रवि आचार्य ने कहा कि सरकार ने पूर्व में भी सरकार गठन के बाद अन्य सभी विभागों मे स्थानांतरण से प्रतिबंध हटाकर स्थानांतरण किये है,तब भी और अभी भी शिक्षा विभाग की उपेक्षा की गई है ।

प्रदेश अध्यक्ष रमेश पुष्करणा ने कहा कि शिक्षा विभाग सबसे बड़ा विभाग होते हुए भी लगातार शिक्षकों की अनदेखी की जा रही है। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से संपूर्ण शिक्षा विभाग में सरकार के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है।सरकार को अविलंब शिक्षा विभाग मे अधिकारीयों से लेकर सभी संवर्गों के स्थानांतरण करने की संगठन मांग करता है।

जिला अध्यक्ष मोहनलाल भादू ने बताया कि संगठन के द्वारा कल दिनांक 2 जनवरी 2025 को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर स्थानांतरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिलाधीश महोदय के माध्यम से ज्ञापन दिया जायेगा। बीकानेर जिले के शिक्षक 2 जनवरी, 2025 को दोपहर 2:30 बजे जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे।

मंडल संयुक्त मंत्री ओमप्रकाश रोड़ा व संगठन मंत्री लेखराम गोदारा ने बताया कि लोकसभा चुनाव से पूर्व तथा पश्चात शिक्षा विभाग को छोड़कर अन्य सभी विभागों में स्थानांतरण किए गए परन्तु शिक्षा विभाग मे स्थानांतरण नहीं करते हुए यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

आज प्रदेश में शिक्षण व्यवस्था के नाम पर एक जिले से दूसरे जिले में सैकड़ो की संख्या में प्रति नियुक्ति की जा रही है जिनका वास्तव में शिक्षण व्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं है।इनमें कई शिक्षक तो ऐसे हैं जिनको 30 जून तक शिक्षण व्यवस्था के नाम पर लगा दिया गया जबकि ग्रीष्म अवकाश में कोई शिक्षण कार्य नहीं होता है। विभाग द्वारा लगभग समस्त जिलों में प्रतिनियुक्ति का खेल किया जा रहा है।

प्रदेश सयुक्त मंत्री सुरेश व्यास ने प्रतिनियुक्ति नहीं की जा कर, स्पष्ट रूप से स्थानांतरण के माध्यम से ही शिक्षकों को पद स्थापित किए जाने की मांग है।

नगरमंत्री राजेंद्र व्यास ने कहा कि सरकार द्वारा शीघ्र शिक्षा विभाग के प्रति अपना रवैया नहीं बदला तो सरकार को शिक्षकों के आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है ।

नगर अध्यक्ष महेश छींपा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि शिक्षकों के प्रति मानवीय संवेदना रखते हुए शीघ्र ही सभी संवर्गों के स्थानांतरण किए जावे।

सरकार के इस निर्णय को शिक्षकों की अनदेखी करने वाला और शिक्षक विरोधी बताते हुए शीघ्र स्थानांतरण की मांग की है।